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"कांगड़ा: मैक्सिको में ड्यूटी के दौरान हुई मौत, 52 दिन बाद घर पहुंचा अमन का शव"

 कांगड़ा: 52 दिन बाद मैक्सिको से घर पहुंचा अमन का शव, दिल का दौरा पड़ने से हुई थी मौत


थुरल तहसील के अन्तर्गत ग्राम पंचायत डूहक के गांव लाहड़ डूहक निवासी अमन कुमार मेहरा (39) पुत्र राजेन्द्र मेहरा का शव 52 दिन बाद मैक्सिको से उनके घर पहुंचा। मंगलवार को पूरे गांव के शोक में डूबे माहौल के बीच उनका अंतिम संस्कार पैतृक श्मशानघाट में किया गया।


अमेरिका में नौकरी के दौरान हुआ हादसा


जानकारी के मुताबिक, अमन मेहरा मैक्सिको में एक कंपनी के लिए नौकरी कर रहे थे। नौकरी के सिलसिले में वे एक शिप पर ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।




52 दिन बाद पहुंचा शव


अमन की मौत के बाद उनके शव को भारत लाने में 52 दिन का लंबा समय लग गया। इस दौरान मैक्सिको में शव को भारत भेजने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही थीं। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से आखिरकार अमन का शव उनके पैतृक गांव लाया जा सका।


अमन के जाने से परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़


अमन मेहरा के निधन से उनके परिवार पर गहरा आघात लगा है। अमन अपने पीछे माता-पिता, पत्नी, भाई और एक छोटी बेटी छोड़ गए हैं। अमन परिवार के लिए एक मजबूत स्तंभ थे, और उनका यूं अचानक चले जाना परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।




गांव में शोक का माहौल


अमन के शव के गांव पहुंचने पर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में गांव के लोग, रिश्तेदार और मित्र शामिल हुए। हर किसी की आंखें नम थीं और परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही थीं।


अमन मेहरा की मौत ने एक बार फिर से विदेश में नौकरी करने वाले भारतीयों की चुनौतियों और जोखिमों को सामने रखा है। उनका निधन न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है।


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