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आईजीएमसी शिमला: कैंसर मरीज को इंजेक्शन न मिलने से मौत, बेटी ने सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई शिकायत

 कैंसर रोगी को इंजेक्शन नहीं मिला, मौत के बाद परिजनों ने सीएम हेल्पलाइन पर की शिकायत


शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में एक कैंसर रोगी की मौत के बाद यह मामला सीएम हेल्पलाइन में पहुंच गया है। मृतक रोगी देवराज की बेटी जाह्नवी शर्मा ने हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत होने और उपचार के लिए धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद उनके पिता को एक जरूरी इंजेक्शन समय पर उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसकी वजह से उनकी 3 दिसंबर को मौत हो गई।




जाह्नवी ने शिकायत में बताया कि उनके पिता को 13 नवंबर को आईजीएमसी के डॉक्टरों ने एक जरूरी इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा था। इस इंजेक्शन की कीमत करीब 50 हजार रुपये थी, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि इसे बाजार से खरीद सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने बार-बार संपर्क करने के बावजूद इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराया। उनकी मौत के कुछ दिनों बाद अस्पताल से फोन आया कि इंजेक्शन आ गया है।


सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई


जाह्नवी का कहना है कि उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। शिकायत बीएमओ मशोबरा को भेजी गई, लेकिन बीएमओ ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए कार्रवाई करने से मना कर दिया। इसके बाद हेल्पलाइन पर उनकी शिकायत को बंद कर दिया गया।


जाह्नवी का आरोप है कि जब वह शिकायत दर्ज कराने की दोबारा कोशिश करती हैं, तो हेल्पलाइन से उन्हें कॉल आ जाता है कि उनकी शिकायत दर्ज की जाएगी। अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


सरकार के ध्यान में है मामला


आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि हिमकेयर योजना के तहत दी जाने वाली राशि का मामला सरकार के ध्यान में लाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए धनराशि जारी कर दी है, जो जल्द ही मिल जाएगी।


परिजनों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार


जाह्नवी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से इस मामले में हस्तक्षेप करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय पर उनके पिता को इंजेक्शन मिल जाता, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।


हिमकेयर योजना की विश्वसनीयता पर सवाल


इस घटना ने हिमकेयर योजना की विश्वसनीयता और कार्यान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और संबंधित विभागों से यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले में दोषियों को जिम्मेदार ठहराते हुए ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।


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